तेज गंध वाली लहसुन एक संजीवनी है जो कैंसर, एड्स और हृदय रोग के विरुद्ध सुरक्षा कवच बन सकती है।
'एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रति सप्ताह पाँच दाना कच्ची या पकी लहसुन खाने से कैंसर का खतरा 30 से 40 फीसदी कम हो जाता है। लहसुन में कैंसर से लड़ने की विलक्षण क्षमता है। लहसुन सेवन से कोलेस्ट्रॉल में 4 से 6 फीसदी गिरावट हो सकती है।
दूसरी ओर 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन' के एक अध्ययन के मुताबिक लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल में 10 फीसदी गिरावट आती है। कुछ लोग यह मानते रहे हैं कि लहसुन से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाने में ही सफलता मिलती है, जबकि सचाई यह है कि यह हृदय रोग से लड़ने में भी सक्षम है।लहसुन के सेवन से रक्त में थक्का बनने की प्रवृत्ति बेहद कम हो जाती है, जिससे हृदयाघात का खतरा टलता है।
लहसुन का सेवन उच्च रक्तचाप में भी काफी लाभदायक माना गया है।लहसुन में एंटीबायोटिक दवाओं से अधिक गुण हैं, जिसकी वजह से वह रोगाणुओं का नाश करती है। यही कारण है कि घाव धोने के लिए लहसुन के एक भाग रस में तीन भाग पानी मिलाकर काम में लिया जाता है।
जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण में सहायक होता है।
जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण में सहायक होता है।
लहसुन में विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग से भी बचाता है।यह आँतों के छिपे मल को भी बाहर निकाल देती है और कब्ज से मुक्ति दिलाती है। लहसुन का इस्तेमाल जोड़ों के दर्द या गठिया में भी होता है तथा यह सूजन का भी नाश करती है। यदि काली खाँसी की शिकायत हो, तो लहसुन के रस की पाँच-पाँच बूंदें सुबह-शाम लेनी चाहिए।
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