भोजन के बाद फल खाना लाभदायक होता है, चाहे वह कोई सा भी फल हो। सभी लोगों को अपनी जुगत के अनुसार मौसमी फल भोजनोपरांत खाना चाहिए।
मौसमी फलों का महत्व यह होता है कि वे आपके शरीर को जरूरी प्रोटीन, लवण, शकर तथा कई विटामिन प्रदान करते हैं, इससे आपका शरीर रोग प्रतिरोधक शक्ति ग्रहण करता है।
हम यहाँ आपको केले के संबंध में उपयोगी जानकारी दे रहे हैं, केला अपने आप में एक संपूर्ण आहार होता है। इसे भूखे पेट खाने से भूख कम हो जाती है, कमजोर पाचन शक्ति वाले इसे कम खाएँ।पके केले में आयोडीन, शकर और प्रोटीन पाया जाता है। कच्चे केले में कैल्शियम अधिक होता है, इसकी सब्जी भी बनाई जाती है।
प्रतिदिन दो केले खाने से सभी प्रकार के विटामिनों की पूर्ति हो जाती है। सुबह दो केले खाकर गुनगुना दूध पिएँ, केला रोज खाने वाला व्यक्ति सदा स्वस्थ रहता है, चित्तीदार या धब्बेदार, पतले छिलके वाला केला खाना अधिक लाभदायक होता है।भोजन के बाद यदि दो केले रोज खाए जाएँ तो ये भोजन भी पचाते हैं और बल बढ़ाते हैं, इससे पाचन शक्ति ठीक होती है।
एक गिलास दूध में एक चम्मच घी, एक चुटकी पिसी इलायची मिला लें, एक टुकड़ा केला खाएँ और साथ ही एक घूट दूध पिएँ।
इस प्रकार दो केले नित्य खाने से शरीर सुडौल, मोटा होता है, बल वीर्य तथा शुक्रणु (स्पर्म) की वृद्धि होती है, दिमागी ताकत तथा कामशक्ति बढ़ती है, स्त्रियों का प्रदर रोग ठीक होता है।
यदि दो केले दो चम्मच शहद के साथ रोज सुबह खाए जाएँ तो दिल को ताकत मिलती है, हाई ब्लड प्रेशर में सुधार होता है।
यदि दो केले दो चम्मच शहद के साथ रोज सुबह खाए जाएँ तो दिल को ताकत मिलती है, हाई ब्लड प्रेशर में सुधार होता है।
मूत्र समस्या हो तो ठीक होती है। यदि रोज कच्चे केले की सब्जी खाई जाए तो पेट के कीड़े मल के साथ बाहर निकल जाते हैं तथा दस्त व पेचिश की शिकायत हो तो उसमें भी आराम होता होता है।
दमा : एक पका केला छिलके सहित सेंकें। इसके बाद इसका छिलका हटा दें व केले के टुकड़े कर लें। इस पर 15 काली मिर्च पीसकर बुरक दें व गरम-गरम ही दमा रोगी को खिलाएँ, दमा के दौरे में लाभ होगा।
खाँसी : एक पके केले में आठ साबुत काली मिर्च भर दें, वापस छिलका लगाकर खुले स्थान पर रख दें। शौच जाने के पूर्व प्रातः काली मिर्च निकालकर खा जाएँ , फिर ऊपर से केला भी खा जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने से हर तरह की खाँसी ठीक हो जाती है।
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