राजस्थान या उसके किसी शहर का नाम जुबां पर आते ही सुनहरी रेत का मीलों फैला रेगिस्तान और उस पर लंबे-लंबे डग भरते रेगिस्तानी जहाजों का दृश्य मस्तिष्क पटल पर उभर आता है। कहते हैं गर्मी के दिनों में यहां के रेगिस्तान जहां आग उगलते हैं वहीं ठंड के दिनों में यहां का मौसम उतना ही रूमानियतभरा और शीतल हो जाता है। यही वजह है कि सालभर यह मरुस्थलीय प्रदेश दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। देश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है जैसलमेर। राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में थार के रेगिस्तान के हृदयस्थल पर स्थित यह शहर यहां आने वाले हर पर्यटक का मन मोह लेता है। घुम्मकड़ी के शौकीनों और देश की रग-रग से वाकिफ होने की उत्सुकता रखने वालों को पाकिस्तान से सटी इसकी सीमा से भारत-पाकिस्तान के नजारों को अपनी नजरों में कैद कर लेने का रोमांच यहां खींच लाता है। पूर्व में यह लाहौर से राजस्थान में व्यापार के लिए एक प्रमुख मार्ग के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यहां के मेहराबदार किले व हवेलियां और उनकी पत्थरों की दीवारों पर की गई खूबसूरत नक्काशी को देख जुबां इसे आकार देने वाले के लिए तारीफ किए बिना नहीं रह पाती। यहां के किलों और हवेलियों पर बने बुर्ज, बालकनियां और खूबसूरत खिड़कियां दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलते। हमारे पूर्वजों की इन अनुपम विरासतों में आज भी लोग बड़े ठाट से रहते हैं। यहां मनाए जाने वाले कलरफुल त्योहारों से जैसलमेर की दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर एक अलग पहचान है।
प्रमुख आकर्षण
सोनार किला, जैन मंदिर, पटवों की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, घरीसर और लोदुर्वा के लिए जैसलमेर विशेष रूप से मशहूर है। इसके अलावा हैंडीक्राफ्ट आइटम्स का यह राजस्थान का प्रमुख केंद्र है। यहां के सेंडस्टोन से बनी मूर्तियां और उन पर की गई खूबसूरत जरदोजी व ब्लॉक प्रिंटेड फैब्रिक्स का सामान दुनियाभर में निर्यात होता है। यह जैनियों का तीर्थस्थल भी है। यहां जैन धर्मावलंबियों के कई मंदिर हैं जहां सालभर दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। यहां मनाया जाने वाला एन्युअल डेजर्ट फेस्टिवल भी काफी चर्चित है जो संपूर्ण राजस्थानी परंपरा और संस्कृति की महक बिखेरता है।
कब जाएं
इस खूबसूरत शहर की सैर से पहले यहां के मौसम के बारे में पहले ही पता कर लेना चाहिए। जनवरी-मार्च तक यहां ठंड पड़ती है और तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। अप्रैल-जून तक यह खूब तपता है और औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस मौसम में जब मध्याह्न में सूर्य सिर पर होता है और उसकी किरणों थार के रेगिस्तान पर पड़ती है तो सुनहरी रेत को देख ऐसा लगता है मानो चहुंओर सोने के कण बिखरे पड़े हों। ऐसे मनमोहक दृश्य का आनंद लेने के लिए पर्यटक भीषण गर्मी की भी परवाह नहीं करते और यहां घुमक्कड़ी करते फिरते हैं। जुलाई-सितंबर तक जब मानसून लगता है तो यहां का मौसम बड़ा ही सुहाना हो जाता है। यहां बरसते पानी में बूंदों की ताल पर नाचते मोरों को देखने का अपना अलग ही मजा है। अक्टूबर से दिसंबर तक मानसून और ठंड के बीच के मौसम में यहां आप ठंड और बारिश दोनों तरह के मौसम का आनंद उठा सकते हैं।
ऐसे पहुंचें
जोधपुर, जयपुर, मुंबई और दिल्ली से जैसलमेर के लिए इंडियन एअरलाइन्स की सीधी फ्लाइट मिलती है। इसके अलावा निजी ऑपरेटर्स और राजस्थान सरकार की डीलक्स बसें हर समय उपलब्ध रहती हैं। रेलमार्ग से भी यह खूबसूरत शहर देश के अधिकतर शहरों से जुड़ा हुआ है।
प्रमुख आकर्षण
सोनार किला, जैन मंदिर, पटवों की हवेली, सलीम सिंह की हवेली, घरीसर और लोदुर्वा के लिए जैसलमेर विशेष रूप से मशहूर है। इसके अलावा हैंडीक्राफ्ट आइटम्स का यह राजस्थान का प्रमुख केंद्र है। यहां के सेंडस्टोन से बनी मूर्तियां और उन पर की गई खूबसूरत जरदोजी व ब्लॉक प्रिंटेड फैब्रिक्स का सामान दुनियाभर में निर्यात होता है। यह जैनियों का तीर्थस्थल भी है। यहां जैन धर्मावलंबियों के कई मंदिर हैं जहां सालभर दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रहती है। यहां मनाया जाने वाला एन्युअल डेजर्ट फेस्टिवल भी काफी चर्चित है जो संपूर्ण राजस्थानी परंपरा और संस्कृति की महक बिखेरता है।
कब जाएं
इस खूबसूरत शहर की सैर से पहले यहां के मौसम के बारे में पहले ही पता कर लेना चाहिए। जनवरी-मार्च तक यहां ठंड पड़ती है और तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। अप्रैल-जून तक यह खूब तपता है और औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस रहता है। इस मौसम में जब मध्याह्न में सूर्य सिर पर होता है और उसकी किरणों थार के रेगिस्तान पर पड़ती है तो सुनहरी रेत को देख ऐसा लगता है मानो चहुंओर सोने के कण बिखरे पड़े हों। ऐसे मनमोहक दृश्य का आनंद लेने के लिए पर्यटक भीषण गर्मी की भी परवाह नहीं करते और यहां घुमक्कड़ी करते फिरते हैं। जुलाई-सितंबर तक जब मानसून लगता है तो यहां का मौसम बड़ा ही सुहाना हो जाता है। यहां बरसते पानी में बूंदों की ताल पर नाचते मोरों को देखने का अपना अलग ही मजा है। अक्टूबर से दिसंबर तक मानसून और ठंड के बीच के मौसम में यहां आप ठंड और बारिश दोनों तरह के मौसम का आनंद उठा सकते हैं।
ऐसे पहुंचें
जोधपुर, जयपुर, मुंबई और दिल्ली से जैसलमेर के लिए इंडियन एअरलाइन्स की सीधी फ्लाइट मिलती है। इसके अलावा निजी ऑपरेटर्स और राजस्थान सरकार की डीलक्स बसें हर समय उपलब्ध रहती हैं। रेलमार्ग से भी यह खूबसूरत शहर देश के अधिकतर शहरों से जुड़ा हुआ है।
source: dainik bhaskar
समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : चिठ्ठी लेकर आया हूँ कोई देख तो नही रहा हैबहुत अच्छा जी
ReplyDeleteआपके चिठ्ठे की चर्चा चिठ्ठीचर्चा "समयचक्र" में
महेन्द्र मिश्र