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Sunday, February 22, 2009

..ताकि आराम से कटे बुढ़ापा


Sent by- Shruti Aggarwal

हरआदमी अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहता है। खासकर बुढ़ापे या रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को लेकर क्योंकि तब कमाई का जरीया या तो बंद हो जाता है या फिर कमाई घट जाती है।
जबकि खर्च पहले की तरह ही होता रहता है। ऐसे में अगर पहले से तैयारी न की जाए तो बुढ़ापा काटना मुश्किल हो सकता है।
दूसरी बात यह कि उस समय तक आपकी जीवन शैली भी बदल जाएगी जिसके लिए जाहिर है पैसे की जरूरत पड़ेगी। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए जीवन बीमा के पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान में निवेश करना बेहतर है ताकि जिंदगी आर्थिक संकट के बगैर आराम से गुजर।क्या है पेंशन प्लानपेंशन प्लान में भी जीवन बीमा के बाकी प्लान की तरह ही एक निश्चित राशि निश्चित समय तक प्रीमियम के रूप में देनी पड़ती है।
आपके द्वारा दिए गए धन को बीमा कंपनी विभिन्न जगहों पर निवेश करती है जहां से रिटर्न मिलता है। बीमा अवधि तक आपके प्रीमियम और रिटर्न को जोड़ कर आपका धन तैयार होता है। प्रीमियम की सालाना राशि (एक लाख रुपए तक) इन्कम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स मुक्त है।
पेंशन प्लान लेते समय ही इसकी अवधि तय करनी होती है। जैसे 20, 25 या 30 साल। बीमा अवधि पूरी होने के समय व्यक्ति का अब तक जो धन (कॉर्पस) बना है उसका एक तिहाई हिस्सा मिल जाता है जो टैक्स फ्री होता है। बाकी बचे हिस्से से आपको प्रति महीने एक निश्चित रकम पेंशन के रूप में दी जाती है। सालाना मिलने वाली कुल पेंशन राशि अगर टैक्स के दायर में आता है तो आपको इस पर टैक्स देना होगा।
किस उम्र में लेंकिसी भी दूसरे निवेश की तरह पेंशन प्लान में भी कम उम्र में ही निवेश करना फायदेमंद रहता है क्योंकि अगर कम उम्र से निवेश करना शुरू किया जाए तो परिपक्वता तक ज्यादा कॉर्पस बनेगा।
फिर उसी के हिसाब से ज्यादा रिटर्न मिलेगा या ज्यादा पेंशन प्रति महीने मिलेगा। आमतौर पर ज्यादातर बीमा कंपनियां बीमा अवधि के दौरान प्रीमियम को बढ़ाने का विकल्प मुहैया कराती है। यानी अगर आपकी आय बढ़ गई हो और आप चाहते हैं कि पेंशन प्लान के सालाना प्रीमियम को बढ़ाया जाए तो ऐसा संभव है।प्लान के प्रकारभारतीय जीवन बीमा कंपनी (एलआईसी) के पास ही केवल परंपरागत पेंशन प्लान है।
जबकि निजी बीमा कंपनियों के पास परंपरागत के अलावा यूलिप पेंशन प्लान का भी तरह-तरह का प्रॉडक्ट मौजूद है। यानी अपने बुढ़ापे को आर्थिक सुरक्षा देने का आपके पास विकल्प ज्यादा है। भारतीय बाजार में मौजूद ज्यादातर बीमा कंपनियां पेंशन प्लान के साथ इंश्योरेंस की सुरक्षा नहीं देती हैं। यहां इस बात को समझना भी जरूरी है कि अगर आप पेंशन प्लान के साथ इंश्योरेंस चाहते हैं तो इसका खर्च भी आपको ही वहन करना होगा। जितने का लाइफ कवर चाहिए उसकी राशि प्रीमियम से काट ली जाएगी। यानी रिटर्न कम हो जाएगा।
लाइफ कवर के साथ लिए गए पेंशन प्लान में बीमा अवधि के दौरान अगर व्यक्ति की मौत हो जाए तो जितने का लाइफ कवर है या उस समय तक आपके फंड की जितनी वैल्यू है दोनों में से जो ज्यादा होगा वह नॉमिनी को मिलेगा।
Source: अभिषेक राजा

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